आज के वचन पर आत्मचिंतन...

येरुशेलम के विनाश की राख में से और वे विपत्तियां जो पेरमवेश्वर के लोगो पर गिरी क्योंकि वे बार बार अनाज्ञाकारी रहे इस कारन से यह सत्य की याद बन कर आयी है । जो लोग प्रभु पर धीरज के साथ बाट जोहतें है और जो निरंतर उत्साह के साथ आशा रखते है वे अपने मन की अधिक जरूरते पाते है ।

Thoughts on Today's Verse...

Out of the ashes of Jerusalem's destruction and the disaster that befell God's people because of their repeated disobedience comes this reminder of truth. Those who wait patiently, who hope fervently, in the Lord will find what their soul most needs!

मेरी प्रार्थना...

हे परमेश्वर,उस समय के लिए मुझे धीरज और विस्वास दीजिये, जब जिंदगी कठिन लगती हो और साब कुछ मेरे खिलाफ हो रहा हो। यह मेरा विश्वास है की जो दृढ़ रहता है और जो धीरज से आपके पराक्रमी छुटकारे की उम्मीद से बाट जोहता है, उनके लिए आप भले हो। प्रिय पिता, मुझे कृपया कर इस प्रकार सामर्थी बना, इसलिए की मैं ना केवल अशिषे पाना चाहता हूँ पर आपके लिए आदर भी लाना चाहता हूँ। प्रार्थना आपके पुत्र यीशु के नामसे। अमिन।

My Prayer...

Give me patience and faith, O God, for the times when life is hard and everything seems to go against me. I believe that you are good to those who persevere, waiting patiently in hope for your mighty deliverance. Dear Father, please give me such strength because I not only want to receive your blessing, but I also want to bring you honor. In the name of your Son, Jesus, I pray. Amen.

आज का वचन का आत्मचिंतन और प्रार्थना फिल वैर द्वारा लिखित है। [email protected] पर आप अपने प्रशन और टिपानिया ईमेल द्वारा भेज सकते है।

Today's Verse Illustrated


Inspirational illustration of विलापगीत ३:२५

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