आज के वचन पर आत्मचिंतन...

आजादी की तुलना में कुछ चीजें ज्यादा प्रतिष्ठित हैं.लोग इसके लिए मर जाते हैं.लोग इसके लिए प्रार्थना करते हैं.लोग इसके लिए प्रयास करते हैं।सच्ची आज़ादी सच्चाई जानने से आती है.सच ही ऐसा कुछ नहीं है जो आप सोचते हैं या विश्वास करते हैं। सत्य वह होता है जो आप करते हैं, और जिसे आप जीते हैं।यीशु के अध्यापन में अक्सर विस्मयादिबोधक होता है:धन्य हो तुम जो ये काम करते हो! केवल हम करने के द्वारा सच्चाई जानते हैं जो हमें मुक्ति देता है.

मेरी प्रार्थना...

एकमात्र सच्चे ईश्वर की महिमा, सम्मान, शक्ति और स्तुति।पिता,मैं न केवल अपनी रोजमर्रा की ज़िंदगी में अपनी उपस्थिति की तलाश करता हूँ,बल्कि मेरी इच्छाओं को भी पसंद करता हूँ।कृपया मुझे अपनी सच्चाई को और अधिक सिखाएं, क्योंकि आज मैं आपके वचन और आज्ञा के अनुरुप में जीने की प्रतिज्ञा करता हूँ।यीशु के माध्यम से मैं जीवित शब्द प्रार्थना करता हूँ.अमिन।

आज का वचन का आत्मचिंतन और प्रार्थना फिल वैर द्वारा लिखित है। [email protected] पर आप अपने प्रशन और टिपानिया ईमेल द्वारा भेज सकते है।

टिप्पणियाँ