आज के वचन पर आत्मचिंतन...

मसिह अधर्म के लिए मारा है.मसीह मेरे लिए मारा है.उसकी त्याग पूर्वक मृत्यु के बिना, परमेश्वर के अनुग्रह के बिना,मै अपने आप को बचाने के लिए या अपने आप को धर्मी बनाने के लिए शक्तिहीन हूँ.जो मैं नहीं कर सकता था,वह यीशु मेरे लिए किया और पाप से मेरा उदार को उसने चुकाया.वह मेरे लिए किया; इसलिए नहीं की मै उनकी मृत्यु के बहुत अच्छा योग्य हूँ,परन्तु उनके बिना में योग्य हो नहीं सकता हूँ.

मेरी प्रार्थना...

प्यारे परमेश्वर धन्यवाद.उद्धार करता,आपका में स्तुती करता हूँ.में अपने शब्दों से आपके अनुग्रह का वरदान को व्यक्त नहीं कर सकता हूँ, जो बहुत महिंगा पड़ा वो मेरे लिए बहुत मूल्य है.सरे सम्मान, महिमा,और स्तुती मेरे पिता को, जो सिहासन में विराज मन है और जो मेरे लिए क्रूस पर मारा प्रभु यीशु उसके नाम से इस प्रार्थना को मांगता हूँ. अमिन.

आज का वचन का आत्मचिंतन और प्रार्थना फिल वैर द्वारा लिखित है। [email protected] पर आप अपने प्रशन और टिपानिया ईमेल द्वारा भेज सकते है।

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