आज के वचन पर आत्मचिंतन...

कई बार शैतान हमें सीधा दो आयामी ईसाईयत में गिरता है -एक कलिश्य जाना और दूसरा अच्छे काम करना.लेकिन परमेश्वर हमें तीन आयामी विश्वास में बड़ने के लिए चाहता हैं.वह चाहता है कि हम उसे अपने सभी कार्यों में और अपने सभी शक्तियों के साथ अपने सभी शक्ति के साथ अन्हे प्यार करें।

मेरी प्रार्थना...

प्रिय स्वर्गीय पिता,मैं आपको सर्वशक्तिमान परमेश्वर के रूप में आदर करता हूँ। मैं आपकी सभी दयालुता और आशीषों की सराहना करता हूँ जो मुझ पर आपने प्रवीण किया है। मैं आपसे प्यार करता हूँ क्योंकि आपने पहले मुझे यीशु के द्वारा प्रेम किया था.आज मेरे दिल की इच्छा ये है की, पूरी तरह से मेरे प्यार को जो कुछ भी में करता हूँ, प्रेम करता हूँ और कहता हूँ उसके द्वारा मेरे प्यार को प्रदर्शित कर साखू.यीशु के द्वारा प्रार्थना करता हूँ.अमिन।

आज का वचन का आत्मचिंतन और प्रार्थना फिल वैर द्वारा लिखित है। [email protected] पर आप अपने प्रशन और टिपानिया ईमेल द्वारा भेज सकते है।

टिप्पणियाँ