आज के वचन पर आत्मचिंतन...

“यीशु परमेश्वर का पुत्र है” छः सरल शब्द। ये साधारण शब्दों से भी ज्यादा है, यद्द्यपि, वे ही परमेश्वर के लिए हमारे ह्रदय को खोलनेवाला द्वार है। तो आज रात, अंगीकार करे की यीशु परमेश्वर का पुत्र है, समझकर और जानकर परमेश्वर को अपने ह्रदय में स्वागत करो। जो व्यक्ति पुत्र को मानता है उसमे पिता जीवित् रहता है।

Thoughts on Today's Verse...

"Jesus is the Son of God." Six simple words. They are much more than simple words, however; they are the doorway that opens our heart to God. So tonight, as you confess Jesus as God's Son, consciously and intentionally welcome God into your heart. The Father lives in the person who confesses the Son!

मेरी प्रार्थना...

पिता, मै मेरे जीवन को जीना चाहता हूँ और मेरे ह्रदय को आप में केन्द्रित करना चाहता हूँ। मैं खुशी से कबुल करता हूँ की आप परमेश्वर का पुत्र हो, और मेरे प्रभु और उद्धारकर्ता हो। प्रार्थना यीशु के नाम से में मांगता हूँ। अमिन।

My Prayer...

Father, I want to live my life and center my heart in you. I gladly confess that Jesus is the Son of God, my Lord, and my Savior. I praise and thank you in the name of Jesus Christ. Amen.

आज का वचन का आत्मचिंतन और प्रार्थना फिल वैर द्वारा लिखित है। [email protected] पर आप अपने प्रशन और टिपानिया ईमेल द्वारा भेज सकते है।

Today's Verse Illustrated


Inspirational illustration of १ यूहन्ना ४:१५

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