आज के वचन पर आत्मचिंतन...

जयवंत! हम विजयी ! जब हम बाईबिल की आखरी पुस्तक खोलते हैं, प्रकाशितवाक्य यही सन्देश हैं —मसीही विजयी हैं क्योकि येशु ही एकमात्र असल में जयवंत हैं । यह मायने नहीं रखता की इस समय आपके लिए युद्ध कैसा चल रहा हो, याद रखे की अंत में, हम जीतते हैं।

मेरी प्रार्थना...

एल षददाई, सर्वसामर्थी परमेश्वर, धन्यवाद येशु को मृतकों में से जिलाने के द्वारा अंततः विजय सुरक्षित करने के लिए । मैं जनता हूँ की वह विजय के साथ आएगा जिस दिन अपने तय किया हैं, पर मैं प्रार्थना करता हूँ की उस दिन तक वियजयी तौर पर जी सकू । येशु के द्वारा जो मेरा विजयी राजा हैं के नाम से प्रार्थना करता हूँ । आमीन ।

आज का वचन का आत्मचिंतन और प्रार्थना फिल वैर द्वारा लिखित है। [email protected] पर आप अपने प्रशन और टिपानिया ईमेल द्वारा भेज सकते है।

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