आज के वचन पर आत्मचिंतन...

संसार कभी कभी विश्वासियों के लिए एक बैरी जगह हो सकती है। परमेश्वर चाहता है की उसके बच्चे यह जाने की वे अकेले नहीं है। वो हम मे अपनी आत्म द्वारा वास करता है। इस कारन हम इस बातसे निश्चिन्त की चाहे किसी के अंदर किसी प्रकार की आत्मा है, पर पवित्र आत्मा की आत्मा महान,सामर्थी , और अधिक महिमाय। विजय हमारी है क्योंकि परमेश्वर की उपस्तिथि जो हम मे है किसी भी ताकत से महान है जो हम कभी सामना करेंगे। हमारी जीत निश्चित है किसीभी ताकत, सामर्थ, आत्मा और विरोधी के खिलाफ।

मेरी प्रार्थना...

प्रिय पिता मुझे आत्मविश्वास, हियाव और कायलता दे अपकी वाचाओं के प्रति। मैं आपके महिमा के लिए हियाव से और आपकी इच्छाओ के अनुरूप जीना चाहता हूँ। धन्यवाद् मुझे हिम्मत दे के लिए इस विजयी जीवन के प्रति उस आत्मा के द्वारा जो मुझमे है। आपही की महिमा, गौरव और स्तुति मिले। यीशु के नाम से। आमीन।

आज का वचन का आत्मचिंतन और प्रार्थना फिल वैर द्वारा लिखित है। [email protected] पर आप अपने प्रशन और टिपानिया ईमेल द्वारा भेज सकते है।

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