आज के वचन पर आत्मचिंतन...

यह अध्याय में यीशु का वादा के साथ शुरू होता है की वह वापस स्वर्ग में हमारे लिए जगह तैयार करने जा रहा है।जैसे भी,अभी, वह चाहता है की हम जाने की हमे परमेश्वर की उपस्तिथि के लिए स्वर्ग थक हमे इन्तेजार करने का जरूरत नहीं है.जैसे हम परमेश्वर से प्यार करते है और उसके वचन का आज्ञाकारी नाते है, परमेश्वर आकार हमारे अन्दर बस्ता है.क्या ये एक अद्भुत और अनुग्रही सोच नहीं है.सरे सृष्टी का परमेश्वर, इजराइल का पवित्र प्रभु हमे जीता है!

मेरी प्रार्थना...

मेरे अंदर आपकी मानने उपस्थिति के लिए, हे परमेश्वर,आपको धन्यवाद और स्तुती करता हूँ.मेरे जीवन आपकी पवित्रता और सभी में अपनी उपस्थिति की कृपा मेरे कार्य में, सोच में और कहेने में प्रतिबिंबित कर सके।यीशु के नाम से प्रार्थना मांगता हूँ. अमिन

आज का वचन का आत्मचिंतन और प्रार्थना फिल वैर द्वारा लिखित है। [email protected] पर आप अपने प्रशन और टिपानिया ईमेल द्वारा भेज सकते है।

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