आज के वचन पर आत्मचिंतन...

क्या यह मूल्यवान है?हा!वह मूल्य से भी मूल्य है.जो महिमा परमेश्वर ने हमारे लिए रखा है उसे हम सोच भी नहीं सकते है.कोई बात नहीं किता कटीं, बुरा और दर्ददायक हो इस दुनिया में हमारे यात्रा, परमेश्वर के साथ हमारे भविष बहुत बहेतर है.क्या यह ये मतलब है कि मेरी कठिनाइयों अर्थहीन या नगण्य हैं?बिलकुल नहीं!लेकिन परमेश्वर के साथ हमारे भविष्य की महिमा मतलब यह है कि यह अधिक मूल्य की तुलना में यह में घूमने के लिए, वफादार होना है,और अपने गौरवशाली पुरस्कार प्राप्त करने के लिए है!

मेरी प्रार्थना...

पिताजी, मैं मानता हूँ कि मैं दुख, दर्द, निराशा, उत्पीड़न, या दुख पसंद नहीं करता हूँ।लेकिन मैं विश्वास करता हूँ कि अपका वादे सही हैं।मैं उस वादा को पकड़ के रहता हूँ क्यूँ की जो महिमा आप मेरे लिए राखे है वो में जो कठिनाइयों का सामना करता हूँ उस से अधिक है।मुझे आनेवाला दिनों के लिए आगे मजबूत बनाये और मुझे आपको महिमा लाने के लिए इस्तेमाल कीजिये कोई फर्क नहीं पड़ता कि मेरे वर्तमान स्थिति कुछ भी हो।यीशु के नाम से प्रार्थना मांगता हूँ.अमिन.

आज का वचन का आत्मचिंतन और प्रार्थना फिल वैर द्वारा लिखित है। [email protected] पर आप अपने प्रशन और टिपानिया ईमेल द्वारा भेज सकते है।

टिप्पणियाँ