आज के वचन पर आत्मचिंतन...

"मैं ने बिगाड़ दिया! " सोचे अगर तो हम सब ने बिगाड़ दिया है ! हम बराबरी नहीं कर सकते हैं । हम दिव्य नहीं हैं । हम सभ्य हो सकते हैं, लेकिन सभ्य हमे बचायगा नहीं । केवल दिव्य, सचमे धार्मिक ही कब्र से परे कर और महिमा में ले जाएगा। परमेश्वर का धन्यवाद् हैं की अनुग्रह मुफ्त दिया गया हैं और हमारे पापों के दाम को यीशु के द्वारा चुकाया हैं । जब मैंने "उसे बिगाड़ा " उसने उसे नया किया !

मेरी प्रार्थना...

सज्जन और प्रेमी पिता, अपने अनुग्रह के साथ उदार होने के लिए धन्यवाद । क्या मैं आपकी तरह जोशीला हो सकता हूँ धार्मिकता के प्रति जैसे आप थे मुझे मेरे पापों से छुड़ाने के लिए । यीशु के द्वारा मैं यह मांगता हूँ । आमीन।

आज का वचन का आत्मचिंतन और प्रार्थना फिल वैर द्वारा लिखित है। [email protected] पर आप अपने प्रशन और टिपानिया ईमेल द्वारा भेज सकते है।

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