आज के वचन पर आत्मचिंतन...

कितनी बार आप अपने दोस्तों और प्रिय जनो के कब्र पर खड़े हुए है जो हालही में गुजरे है ? कब आखरी बार आपने किसी अपने प्रेम करने वाले से दुख और अलगाव को चखा था ? मुझे आपके बारे में नहीं पता, मै आभारी हूँ की बाईबल मौत को येशु का शत्रु कर पहचानता है। मै आभारी हूँ की वह मौत से नफरत करता है, और उससे होनेवाले नुक्सान और अगाव से भी, यहातक की मै करता हूँ उससे भी अद्धिक । यह जानकार मै बहुत खुश हूँ की मौत का नाश होगा और परमेश्वर के बच्चो को अमरता और जीवन देगा !

मेरी प्रार्थना...

पवित्र पिता, जिन लोगो मै जनता हूँ की वे भावनात्मिक, आत्मिक और शारारिक मौत से लड़ रहे है, कृपया कर उनके जीवनो में जिंदगी से और दया से विजयी हो। उनके जीवनो में अपनी सामर्थ और अनुग्रह से विजयी हो। मै उस दिन की बाट जोटा हूँ, प्रिय पिता, जब कोई मौत नहीं होगी। प्रभु येशु मै केवल यह आपके नाम से प्रार्थना ही नहीं करता पर यह भी मांगता हूँ की उस दिन को जल्द लाईये। अमिन।

आज का वचन का आत्मचिंतन और प्रार्थना फिल वैर द्वारा लिखित है। [email protected] पर आप अपने प्रशन और टिपानिया ईमेल द्वारा भेज सकते है।

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