आज के वचन पर आत्मचिंतन...

मसीह होने के नाते चाहे हमारे शरीर मर भी जाये पर हम नहीं ! हमारी शारीरिक मौत का मतलब केवल यह यही है की हमे अनश्वर देह दिए जाएगी ।मसीह हमे जिलायेगा और अनंतता के वस्त्र पेहनेगा । मौत की हम पर पकड़ नहीं होगी क्युकी हम परमेश्वर के बच्चे है । विजय हमारी है। मौत का नहीं है अंतिम शब्द; येशु के है , और उसने कहा." जी उठो"!

मेरी प्रार्थना...

पिता, मै जानता हूँ की मेरी शारीरिक पार्थिव देह नाशवान है । प्यारे पिता, मै जाता हूँ की यह मायने नहीं रखता की कितने अच्छे अक्कर में मै राहु या स्वास्थ के प्रति कितना सतर्क हूँ, मै अपने देह में शारीरक मौत की प्रक्रिया को नहीं रोक सकता हूँ । पर मै यह जान कर उत्साहित हूँ की चाहे मेरी शारीरक देह नाकाम होजाएगी तू नहीं होगा ।चाहे मेरा मानवीय शरीर नाशवान है पर तू सामर्थी और विजयी है । पिता, मै उस जीत के दिन की बाट देखता हूँ जब येशु मेरे लिए अपने सामर्थ में लौट आये और की मौत महिमा द्वारा निगलि जाये और मेरा बदलाव हो । उस दिन तक, प्यारे परमेश्वर , मै आपकी सेवा करता रहूँगा जब तक आपको आमने-सामने न देखलू । येशु के सामर्थी नाम से प्रार्थना करता हूँ । अमिन ।

आज का वचन का आत्मचिंतन और प्रार्थना फिल वैर द्वारा लिखित है। [email protected] पर आप अपने प्रशन और टिपानिया ईमेल द्वारा भेज सकते है।

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