आज के वचन पर आत्मचिंतन...

क्या किसीको फर्क पड़ता है की मै यहाँ हूँ? क्या कोई ध्यान दे जब मै चला जाऊंगा? क्या किसीको चिंता है की मै घर पंहुचा या फिर मै घर से निकला कभी नहीं निकलता ? उत्तर ? "हाँ!, हाँ !!, हाँ!!!, " प्रभु , इज़राईल का उद्धारकर्ता और येशु का पिता हमारे विषय में सब जानता है और हमारा आना और जाना। वह हमारी रक्षा करेगा अभी और अनंतजीवन के लिए।

मेरी प्रार्थना...

पिता, मै आपका धन्यवाद् करता हूँ की जब मै जागता हूँ आप केवल उपस्तिथ ही नहीं होते पर मेरी निगेहबानी भी करते हो । सर्वसामर्थी परमेश्वर, धन्यवाद् की जब मै दिन के अंत में घर लौटता हूँ आप मेरे साथ होते हो, मार्ग दिखते हो और सवागत करते हो । लेकिन सर्वाधिक मै धन्यवाद करता हूँ , प्रिय पिता, की जब मै इस जीवन को छोड़ अगले जीवन में जाऊंगा आप मुझे इस जीवन से लेकर उस घर में आपके साथ जीवन में स्वागत करोगे हमेशा के लिए! येशु के नाम में मै आपकी स्तुति करता हूँ । अमिन ।

आज का वचन का आत्मचिंतन और प्रार्थना फिल वैर द्वारा लिखित है। [email protected] पर आप अपने प्रशन और टिपानिया ईमेल द्वारा भेज सकते है।

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