आज के वचन पर आत्मचिंतन...

अंधेरा हमारी दुनिया पर हावी है।दिखावे के बावजूद,अंधकार बहुत कूछ जो कहा जाता है उसे नियंत्रित करता है और यह कैसे दुनिया में देखा जाता है। जब कोई मसीह के लिये जीता है,वे गौर किया जाता है।यीशु और अपने धर्म के प्रति अपनी निष्ठा को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है।तो हम उस प्रकाश के साथ क्या करने जा रहे हैं? क्या दुसरे उसे देखेंगे और स्वर्ग में हमारे पिता की और खीचे जायेंगे,जिसने उसके पुत्र को एक उद्धार करता के रूप में भेजा है.या, वे मसीह के रास्ते को अस्वीकार करने के लिए जा रहे हैं क्योंकि हमारी सभी बाते एक क्रीया रूप में है और ज्यादा कुछ सेवाकायी नही है.उन्हें हमारे जीवन के माध्यम से परमेश्वर की कृपा देखने दे ताकी उद्धार कर्ता को उन लोग जाने!

मेरी प्रार्थना...

पवित्र और धर्मी पिता,आपकी कृपा के लिए धन्यवाद जो मुझे बचाया है.आपकी चरित्र और अनुग्रह को प्रतिबिंबित करने में मेरी सहायता किजीये ताकी जब लोग मुझे देखे और मेरे मसिह जीवन का प्रतिबद्धता को देखे,और वे आपकी महिमा करें क्योंकि उन्होने सेवा को देखा है। यीशु के नाम से दुवा करता हूँ. अमीन.

आज का वचन का आत्मचिंतन और प्रार्थना फिल वैर द्वारा लिखित है। [email protected] पर आप अपने प्रशन और टिपानिया ईमेल द्वारा भेज सकते है।

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