आज के वचन पर आत्मचिंतन...

खोज ! इस वचन में यह ही केंद्र शब्द है । यह तगड़ा शब्द है , किसी एक चीज के प्रति जोशसे लक्ष्य को अपना बने की चाहत का विवरण करता है । यह राज्य और इस राज्य के लोगो की धर्मिकता , यह हमारी इच्छा नहीं , हमारी आशा नहीं ,हमारा सपना नहीं —यह हमारा जोश है । हम इसे हर कीमत पर खोजेंगे । हम इसे जोश के साथ खोजेंगे । यह हमारी पूर्ण कोशिश रहेगी जब तक इसे अपना करले या उससे भी बेहतर अपना घर न बनाले !

मेरी प्रार्थना...

मुझे क्षमा करे प्रिय पिता , की आपके राज्य और आपके चरित्र के प्रति मैंने अपने जोश को बाजु में कर दिया । प्रत्येक भोर को उस दिन के प्रति मुझे तेरे कामो और तेरी इच्छा के लिए एक जोश की भावना देना । पिता , मै एक जोशीला खोजी बनना चाहता हूँ , कृपया मुझे तेरे राज्य मेरा घर के प्रति असहज बना । येशु के नाम से मै प्रर्थना करता हूँ । अमिन ।

आज का वचन का आत्मचिंतन और प्रार्थना फिल वैर द्वारा लिखित है। [email protected] पर आप अपने प्रशन और टिपानिया ईमेल द्वारा भेज सकते है।

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