आज के वचन पर आत्मचिंतन...

" वो लोग जान जायेंगे की मैं यहोवा हूँ " यह यहेजकेल की भविष्यवाणियों में एक जानामाना कथन है । यहाँ पर यह उसके लोगो के लिए भय की बात भी है जो विद्रोही , पापी और दुष्ट बने रहे है । परमेश्वर पवित्र है । जो लोग उसे अपना ईश्वर कहते है वे बेहतर उस महिमा और महानता को प्रतिबिम्बित करे है । उन्हें परमेश्वर की पवित्रता को बेहतर रीती से बढ़ाना है । यदि वे ऐसा न करे , तो परमेश्वर उनके कीमत पर ऐसा कर देगा । परमेश्वर परमेश्वर ही जाना जायेगा। एक दिन में जब कई लोग जब परमेश्वर का नाम दूषित करते है और अपने प्रतिक्रियाओ में और चिड़चिड़ाहट में इतने आसानी से इस्तेमाल करते है, यह उनके लिए एक गंभीरता से स्मरण करने के लिए है की परमेश्वर का नाम भी पवित्र है । वह अपनी महानता और पवित्रता दिखायेगा ।

मेरी प्रार्थना...

मुझे क्षमा कर परमेश्वर , की मैंने आपका आदर नहीं किया , जैसे मुझे करना चाहिए था और जिसके आप योग्य है । अपने लोगो में एक नएपन की लहार भेज की वे आपका और आपके पवित्रता का आदर कर सके एक महान जोश और उपकार के गहरी समझ के साथ । आप पवित्र , धर्मी , अद्धभुत, सामर्थी और महान हो । मेरी सहायता कर की मैं मेरे जीवन से और शब्दों से आपका आदर और बेहतर दिखा सकू । येशु के नाम से प्रार्थना करता हूँ । अमिन ।

आज का वचन का आत्मचिंतन और प्रार्थना फिल वैर द्वारा लिखित है। [email protected] पर आप अपने प्रशन और टिपानिया ईमेल द्वारा भेज सकते है।

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