आज के वचन पर आत्मचिंतन...

"शिक्षा .... शिक्षा देने के लिए!" हमे परमेश्वर के परिवार में विश्वासयोग्य महिलाएं चाहियें की हमें दिखा सके की हमारे दैनिक जीवन में परमेश्वर का कैसे आदर कर सके और चरित्र में कैसे जियें। इसका मतलब यह हैं की हमें इन महिलाओं को सीखना हैं की उन्हें जरुरत हैं वे शिक्षा दे। हमें जरुरत हैं की हम उन के लिए प्रार्थना करने की वे आगे बढ़ने और सलहाकार बने। हमे खुलकर उनके आदरणीय जीवनशैली का आदर करना चाहिए और उनके धर्मीक चरित्रों को सम्मानित करना चाहिए।

मेरी प्रार्थना...

पवित्र और धर्मी पिता, कृपया मजबूत चरित्रवान और विश्वासयोग्य कार्योंवाली महिलाओं को खड़ा कीजिये। हमें दृष्टी दे की हम उनके धर्मी जीवन को देख सके और उन्हें लोगों के बिच में उद्धरण के तौर पर उठाने की इच्छुकता दे। हमारे मसीही इतिहास में कई धर्मी महिलाओं को देने के लिए धन्यवाद जीनका भलाई के लिए जबर्दस्त प्रभा रहा ——महिलाए जैसे दबोरा, एस्तेर, मरियम, दोरकास, और प्रिस्किल्ला। मैं उन धर्मी महिलाओं के लिए भी धन्यवाद् देना चाहता हूँ जिन्होंने मेरे जीवन पर महान अंतर लाये और मुझे विश्वास, आशा, और प्रेम के विषय में बहुत कुछ सिखाया हैं। यीशु के नाम से प्रार्थना करता हूँ। अमिन।

आज का वचन का आत्मचिंतन और प्रार्थना फिल वैर द्वारा लिखित है। [email protected] पर आप अपने प्रशन और टिपानिया ईमेल द्वारा भेज सकते है।

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