आज के वचन पर आत्मचिंतन...

येशु का पृथ्वी पर आना पूरी तरह और प्रभु परमेश्वर की पवुत्र्ता से भरा हुआ हैं जो पुराने नियम खुदको प्रगट करता हैं । परमेश्वर उचा और पवित्र हैं । परमेश्वर धर्मी और अद्धभुत है । फिर भी प्रभु परमेश्वर देह रूप धारण करने वाला भी परमेश्वर है — प्रभु जो हमारी जुरूरतों को देखता हैं, हमारे रोने को सुनता हैं, और हमारी मददत के लिए निचे आता हैं । परमेश्वर लोगों से प्यार करता हैं, विशेष रूप से उन लोगों को जो उसके पास एते हैं यह जान कर की उन्हें उसके प्रेम और अनुग्रह की जरुरत हैं । उनके लिए जो जोश से, दीनता से, भय से और आदर से उसकी खोज करते हैं, परमेश्वर बेदारी को लाते हैं जो आत्मा और हृदय को छूता हैं ।

मेरी प्रार्थना...

पवित्र और धर्मी पिता , मुझे प्यार करने के लिए और येशु में मुझे छुड़ाने आने के लिए धन्यवाद् । पिता मैं आपके पास दीनता के साथ आता हूँ और आपसे मांगता हूँ की मुझे सामर्थी रीती से अपनी आत्मा से भर दे और आज मेरे जीवन से अपने महिमा के कामो के निमित्त मेरे हृदय को नया कर और मेरी आत्मा को तजा कर । येशु के नाम से प्रार्थना करता हूँ । अमिन।

आज का वचन का आत्मचिंतन और प्रार्थना फिल वैर द्वारा लिखित है। [email protected] पर आप अपने प्रशन और टिपानिया ईमेल द्वारा भेज सकते है।

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