आज के वचन पर आत्मचिंतन...

रोमियो ८ हमें, परमेश्वर के पुत्र होने के नाते जो पवित्रात्मा हमें आशीष के रूप में मिली है उससे बार बार स्मरण दिलाती है| की जो आत्मा हम में है वह इस बात का निश्चय दिलाती है की हम मुर्दों में से जी उठेंगे! क्योकि जिस आत्मा ने येशु को मुर्दों में से जी उठाया वो हम में भी है, इस वजह से हम निश्चिन्त हो सकते हैं अपने पुनरुत्थान के लिए| मरणशीलता हमें उद्द्घोषित नहीं कर सकेगी|जीवनदायिनी सामर्थ पवित्र आत्मा मृत्यु से बलवान है| हम जीवित रहेंगे! यद्यपि हमारे शारीर के विनास उपरांत| परमेश्वर की आत्मा हमें विजय प्राप्त हेतु प्राण, प्रेरणा और सामर्थ देती है|

मेरी प्रार्थना...

पवित्र परमेश्वर, आप को धन्यवाद देते हैं कि आपने पवितात्मा हमें तोहफे में दिया| और उसी पवित्र आत्मा की सामर्थ जानने के लिए जिसकी सहायता से इस ब्रम्हांड को बनाया, और येशु को मुर्दों में से जिलाया जो की मुझ में रहता है और मेरी सांसो को अद्भुत एवं विस्मयपूर्वक अन्दर लेता है| और जो आपने चुना मुझ में रहने के लिए ताकि मुझे आशीष दें, ढाले,और येशु के उद्देश्य तक पहुचने के लिए मेरा विकास करें| धन्यवाद प्रभु, येशु के नाम से मैं प्रार्थना करता हूँ! आमीन!

आज का वचन का आत्मचिंतन और प्रार्थना फिल वैर द्वारा लिखित है। [email protected] पर आप अपने प्रशन और टिपानिया ईमेल द्वारा भेज सकते है।

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