आज के वचन पर आत्मचिंतन...

शब्द हमसे बातें करता है और ब्याख्या करता है| हम किसी ब्यक्ति को कह सकते हैं की हम उनसे प्रेम करते हैं| और हम उन्हें समझा भी सकते हैं की वे हमारे लिए कितने बहुमूल्य हैं| जब हम अपनी पसंद किसी और ब्यक्ति के लिए बलिदान करते हैं इससे हम उन्हें दिखा सकते हैं की हमारा उनके प्रति आदर और स्नेह है|जब हम अपने आप को, हमारी इच्छाओ को, और अपनी पसंद को अपने दोस्त के लिए बलिदान करते हैं तो यह हमारे प्रेम जो सबसे बड़ा उपहार है बिना किसी संदेह के प्रमाणित करते हैं|

मेरी प्रार्थना...

पिता आपके प्रेम के लिए धन्यवाद जिसके लिए अपने येशु को मेरे पापों के बदले भेजा| येशु, आपके प्रेम से भरे बलिदान के लिए धन्यवाद जो की मुझे न सिर्फ उद्धार देता है वरन आपके प्रेम की सम्पूर्ण सीमा को दर्शाता है|येशु के नाम से मैं आपका धन्यवाद करता हूँ|आमीन!

आज का वचन का आत्मचिंतन और प्रार्थना फिल वैर द्वारा लिखित है। [email protected] पर आप अपने प्रशन और टिपानिया ईमेल द्वारा भेज सकते है।

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