आज के वचन पर आत्मचिंतन...

अब-बा| एक बच्चे को सुनो और आप इन बुनियादी शुरुआती ध्वनियों को सुनेंगे। अविश्वसनीय रूप से, यीशु ने हमें दिखाया, और आत्मा हमें सक्षम बनाता है, इन शब्दों के साथ परिचित, विश्वास, दोष-पूर्णता, निर्भरता, और आत्मीयता के साथ परमेश्वर से बात करने के लिए| आत्मा हमारी निश्चयता है कि हमें परमेश्वर से डरना नहीं है, बल्कि यह कि हम उनके पास हमारे प्यारे और निष्ठावान पिता के रूप में जा सकते हैं जो हमेशा हमारे ह्रदय की सुनता है और हमारे जीवन को आशीर्वाद देने का प्रयास करता है।

मेरी प्रार्थना...

अब्बा पिता, आप महिमा और प्रतापी हैं|आपके कार्य भले हैं|हे यहोवा, तेरी सामर्थ, अथाह है। आपका अनुग्रह, सर्वशक्तिमान परमेश्वर, अद्भुत है|धन्यवाद, पवित्र और धर्मी पिता आपने हमेशा, मेरे नजदीक रहने वाले अब्बा के रूप में मान सकने की इजाजत दी| कृपया आज आपकी निकटता को और स्पष्ट करे। येशु के नाम से| आमीन!

आज का वचन का आत्मचिंतन और प्रार्थना फिल वैर द्वारा लिखित है। [email protected] पर आप अपने प्रशन और टिपानिया ईमेल द्वारा भेज सकते है।

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