आज के वचन पर आत्मचिंतन...

परमेश्वर बहुत पवित्र है, और शक्तिशाली है, और अद्भुत है है, और फिर भी वह हमें उसे "अब्बा पिता" कहने के लिए हमें बुलाता है । अब्बा अपने पिता को संबोधित करने के लिए यहूदी बच्चों द्वारा इस्तेमाल किया जाने वाला धीरज, परिचितता, निर्भरता और प्यार का एक शब्द था। परमेश्वर ने हमारे पवित्र आत्मा के अविश्वसनीय उपहार के माध्यम से, हमें उपलब्धता, प्रेम, साहचर्य, सुरक्षा और पराक्रमी देखभाल का यह परम उपहार दिया है। अब्बा! प्यारे अब्बा पिता ! मेरे भगवान, मेरे परमेश्वर , स्वर्ग की सेनाओं के सार्वभौम शासक और ब्रह्मांड के निर्माता भी मेरे अब्बा हैं!

मेरी प्रार्थना...

अब्बा पिता , इतने शक्तिशाली होनेके बावजूद आप इतने करीब होनेके लिए धन्यवाद , इतने सुलभ और पवित्र, इतने कोमल और इतने भरोसेमंद होने के लिए धन्यवाद। धन्यवाद, प्रिय अब्बा, मुझे अपने प्यारे बच्चे के रूप में आपके पास आने की अनुमति देने के लिए। यीशु के नाम और पवित्र आत्मा की शक्ति से मैं प्रार्थना करता हूँ। अमिन ।

आज का वचन का आत्मचिंतन और प्रार्थना फिल वैर द्वारा लिखित है। [email protected] पर आप अपने प्रशन और टिपानिया ईमेल द्वारा भेज सकते है।

टिप्पणियाँ