आज के वचन पर आत्मचिंतन...

परमेश्वर ने अपने बुद्धिमता का स्तेमाल करके इस ब्रम्हांड और इसमें विधमान सारी चीजो को बनाया|उसकी शालीनता से, हरेक जिव और वस्तु को उसके स्थान पर नियुक्त किया ताकि वे अपनी चकाचौंध और विभिन्नताएं को प्रदर्शित करे|और उसने उससे आदर और उसकी बुद्धिमता की खोज करने वालों को चुना ताकि उनके साथ वह ज्ञान और परखने की शक्ति को बाँट सके| यदि हम उसकी बुद्धिमता और परख का इस्तेमाल करेंगे जो गहनों से उत्तम, आशीष को प्राप्त करेंगे जो हमारे जीवन को भरपूर बनाएगा|

मेरी प्रार्थना...

पिता, मैं ये जनता हु की मेरे मांगने पर आप मुझे बुद्धिमता की आशीष देंगे| प्रिय पिता मैं आपसे बुद्धि को मांगता हूँ| मैं एक पवित्र जीवन जीना चाहता हु जो की आपके स्वभाव को प्रदर्शित करे और आपकी पवित्रता को आदर दे|मुझे अपनी बुद्धिमता से और परख से आशीषित करें ताकि जब मैं कोई निर्णय लूँ तब दूसरो के जीवन को लाभान्वित कर सकूँ|येशु क नाम से मांगता हूँ| आमीन|

आज का वचन का आत्मचिंतन और प्रार्थना फिल वैर द्वारा लिखित है। [email protected] पर आप अपने प्रशन और टिपानिया ईमेल द्वारा भेज सकते है।

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