आज के वचन पर आत्मचिंतन...

कभी-कभी सबसे महत्वपूर्ण चीजें समझना मुश्किल नहीं होतीं| परमेश्वर चाहता है कि हम उससे अपने सम्पूर्ण रूप से प्रेम करें और हमारे आस-पास के लोगों को भी उसी सामान प्रेम करें। चरित्र पर उनकी सभी मांगों को वास्तव में इन दो महान सिद्धांतों को मानने के लिए प्रेरित किया जाता है जो ब्यवस्था से बढ़कर परमेश्वर के चरित्र को ह्रदय में लाते हैं।

मेरी प्रार्थना...

सर्वशक्तिमान परमेश्वर और स्वर्गीय पिता, मैं आपसे प्रेम करता हूँ| मैं आपको इब्राहीम और दाऊद के वंशज के रूप में अपने मसीहा को भेजने की आपकी योजना के लिए प्रेम करता हूँ। मैं आपको अपने सफल प्रेम के लिए प्रेम करता हूँ। मैं आपको अपनी कमजोर प्रार्थना सुनने के लिए अनुग्रह के लिए प्रेम करता हूँ। मैं आपको यीशु को भेजने और अपने कलीसिया को शुरू करने के लिए आपसे प्रेम करता हूँ। प्रिय परमेश्वर मैं आपसे प्रेम करता हूँ, यीशु के नाम से|आमीन।

आज का वचन का आत्मचिंतन और प्रार्थना फिल वैर द्वारा लिखित है। [email protected] पर आप अपने प्रशन और टिपानिया ईमेल द्वारा भेज सकते है।

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