आज के वचन पर आत्मचिंतन...

जब मूसा ने फिरौन से सामना किया और उसे फिरौन के दिल की कठोरता से मिला, तो परमेश्वर ने विपत्तियाँ भेजीं। क्यों? क्योंकि परमेश्‍वर चाहता था कि फिरौन को पता चले कि इजरायल का ईश्वर सिर्फ एक और ईश्वर नहीं था, बल्कि यह कि ईश्वर एकमात्र सच्चा और जीवित ईश्वर था। राष्ट्र, ऋतु और पृथ्वी उसके हैं। सभी लोगों को उनके नाम का सम्मान करना चाहिए और उनकी कृपा प्राप्त करनी चाहिए।

मेरी प्रार्थना...

सरे ब्रह्मांड और सभी का परमेश्वर जिसकी मैं कल्पना कर सकता हूं, अनुभव कर सकता हूं या देख सकता हूं, मैं आपकी प्रशंसा करता हूं और आपको वास्तव में परमेश्वर होने की घोषणा करता हूं। यीशु के नाम में मैं आपकी स्तुति करता हूँ। अमिन ।

आज का वचन का आत्मचिंतन और प्रार्थना फिल वैर द्वारा लिखित है। [email protected] पर आप अपने प्रशन और टिपानिया ईमेल द्वारा भेज सकते है।

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