आज के वचन पर आत्मचिंतन...

क्या और कोई परिभाषा है जो इससे बड़ी हो की माता पिता की भूमिका क्या होती है ? आईये यह निश्चय करे की अपने चक्करदार मंग्गे और हमारे जीवनो में शामिल होनेसे हम कहीं मुख्या बात ना भूल जाये जो हमे परमेश्वर ने दिए है माता -पिता , शिक्षकों और मित्रों की हम बच्चों की के जीवनो में किया जाये ।

मेरी प्रार्थना...

हे स्वामी, प्रभु परमेश्वर मेरे उद्धारकर्ता और पोषण करनेवाले, कृपया मेरे हृदय की प्राथमिकताएं मेरे बच्चो के जीवन पर आधारित रखना। येशु के नाम से । आमीन।

आज का वचन का आत्मचिंतन और प्रार्थना फिल वैर द्वारा लिखित है। [email protected] पर आप अपने प्रशन और टिपानिया ईमेल द्वारा भेज सकते है।

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