आज के वचन पर आत्मचिंतन...

स्वतंत्रता एक अद्धभुत उपहार है, मसीह में स्वतंत्रता किसी भी स्वतंत्रता से बढ़कर है | परमेश्वर इसे हमारे सुपुर्द करता है, लेकिन हम अपनी स्वतंत्रता का किसी और की स्वतंत्रता को ठोकर खाने के लिए इस्तेमाल नहीं करना चाहते | हम यह नहीं चाहते की हमारी स्वतंत्रता के वजह से कोई पाप में गिरे या मसीह से दृष्टि खो दे, तो आइए हम अपने स्वतंत्रता का इस्तेमाल समझदारी और निष्ठापूर्वक करें |

मेरी प्रार्थना...

प्रिय परमेश्वर और सामर्थी पिता, मेरे जीवन में उँडेले गए आप वरदानों के लिए धन्यवाद | मई विशेष रूप से अपने आत्मिक स्वतंत्रता के लये आपका धन्यवाद करता हुँ , और स्वयं के लिए महिमा लाने के बजाय दूसरों को ऊपर उठाने और आशीष देने के लिए मुझे सामर्थ प्रदान करें | कृपया मुझे इस संसार में अपने काम के स्थान पर दूसरों को देखने में सहायता करें | यीशु के नाम से प्रार्थना करता हुँ ! आमीन

आज का वचन का आत्मचिंतन और प्रार्थना फिल वैर द्वारा लिखित है। [email protected] पर आप अपने प्रशन और टिपानिया ईमेल द्वारा भेज सकते है।

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