आज के वचन पर आत्मचिंतन...

शाऊल के साधारण पृष्ठभूमि और अभिजात - वर्ग परिवार के होने के कारण कुछ लोग उसे अपने राजा की तरह उन पर प्रभुता करने की बात पर सहमत नहीं थे | हम भी ज्यादातर आज ऐसा ही करते है, नामी लोगो को उनकी विरासत और अतीत के कारण परमेश्वर के लोगो का नेतृत्व करने एवं परमेश्वर के राज्य में सेवा करने की उनकी क्षमता को छूट देते है | जबकि, परमेश्वर किसी व्यक्ति की वंशावली नहीं देखता, वो हृदय को जाँचता है | अतः प्रिय अगुआ, कृपया प्रभु के करीब रहे, क्योंकि आपकी आलोचना की जाएगी | लेकिन, कृपया हर छोटी आलोचना पर प्रतिक्रिया न दें, बल्कि साहसपूर्वक प्रभु की सेवा करने के लिए अपने आप को समर्पित कर दें | जिससे वे जो अनुसरण करते है, वे किसी को भी परमेश्वर के अगुआ के रूप में शीघ्र सेवा से बर्खाश्त न कर दें, क्योंकि उनके पास महान वंशावली का अभाव रहता है | स्मरण करें की बाइबिल में जो कहानियाँ हम पाते है, उसमे परमेश्वर ने बहुत ही भिन्न लोगो को इस्तेमाल किया | अतः भरोसा रखे की वह हमारे दिनों में भी अगुवाई करने के लिए लोगो की चुनाव में वैसे ही रचनात्मक होगा |

मेरी प्रार्थना...

प्रिय परमेश्वर, कृपया उन समयों के लिए मुझे क्षमा करें, जब मैंने आपके अगुवों के चुनाव पर संदेह किया | कृपया मुझे, मेरे झुंड के साथ हमारे बिच में जो आपके अगुए हैं उन्हें परखने की क्षमता प्रदान करें | कृपया उन्हें निःस्वार्थ एवं विश्वासयोग्यता से अगुवाई करने का साहस प्रदान करें | यीशु के नाम में प्रार्थना करता हुँ | आमीन

आज का वचन का आत्मचिंतन और प्रार्थना फिल वैर द्वारा लिखित है। [email protected] पर आप अपने प्रशन और टिपानिया ईमेल द्वारा भेज सकते है।

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