आज के वचन पर आत्मचिंतन...

शुभ संदेश ! जब हम धार्मिकता, न्याय, पवित्रता, दया, और ईश्वर भक्ति, को खोजते है, तब हमारा भविष्य आनंद से भर जाता है | अपने चारो ओर के अंधकार को आपकी आनंद की शानदार सुबह को चुराने न दे जो अब दिखाई देना आरम्भ हुआ है |

मेरी प्रार्थना...

पिता परमेश्वर, कृपया मुझे उन समयों के लिए क्षमा करें, जिसमे मैं अपने संसार की स्थिति और संस्कृति पर निराश हुआ हुँ | धन्यवाद प्रिय पिता, विजयी होने के वायदे और महिमामय आशीषों के लिए जो आगे धरे हैं | कृपया मेरी मदद करें और मेरी आँखे आपकी विजय पर हो | यीशु के नाम से प्रार्थना करता हुँ | आमीन !

आज का वचन का आत्मचिंतन और प्रार्थना फिल वैर द्वारा लिखित है। [email protected] पर आप अपने प्रशन और टिपानिया ईमेल द्वारा भेज सकते है।

टिप्पणियाँ