आज के वचन पर आत्मचिंतन...

हमारा जीवन मसीह में क्या ही आशीषित है ! हम नए मसीहियों को हमारी संगती में स्वागत करते है की उनके साथ भी ये आशीष बाँट सके । हम उन्हें इस लिए नहीं बुलाते की उनके पिछले गलतियों या वर्त्तमान के संघर्षों में ताकाझांकी करे , परन्तु उन्हें परमेश्वर के परिवार के प्रेम में बुलाते । परमेश्वर ने हमे अनुग्रह और करुणा के साथ स्वागत किया है । आओ वही हम नए मसीहों के साथ भी करे ।

Thoughts on Today's Verse...

Our life in Christ is such a blessing! We welcome new Christians into our fellowship to share that blessing. We don't bring them in to scrutinize their past failures or the current struggles, but to bring them into the love of God's famiily. God has welcomed us graciously and compassionately. Let's do the same with new Christians.

मेरी प्रार्थना...

पिता, कृपया मुझे मेरे मसीही भाइयों और बहनों के प्रति और अधिक समझदार और धीरजवन्त बना, विशेषकर जो नए मसीह हैं । येशु के नाम से प्रार्थना करता हूँ । अमिन

My Prayer...

Father, please make me more understanding and patient with my brothers and sisters in Christ, especially those who are new Christians. In Jesus' name, I pray. Amen.

आज का वचन का आत्मचिंतन और प्रार्थना फिल वैर द्वारा लिखित है। [email protected] पर आप अपने प्रशन और टिपानिया ईमेल द्वारा भेज सकते है।

Today's Verse Illustrated


Inspirational illustration of रोमियों १४:१

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