आज के वचन पर आत्मचिंतन...

परमेश्वर की महिमा के लिए कौनसे महान "राजकीय सपने" अपने देखे हैं ? कौनसे अद्भुत विचार आप सोचकर परमेश्वर से बिनती कर सकते हैं की वह उन्हें फलवन्त कर सके ? परमेश्वर से आपकी स्वर्ग के प्रति क्या अपेक्षा हैं? अब जबकि आपका दिमाग खींचा हुआ, अपनी सोच को चुनौती दी हैं और अपनी अपेक्षाओं से भरे हुए हो, क्या आप कुछ साधारण सत्य सीधे स्वर्ग की अद्भुतता से के लिए तैयार हैं ? परमेश्वर इन सब में से किसी से भी अधिक करने में सक्षम हैं । उसकी सामर्थ हम में कार्य कर रही हैं की उसकी महिमामय इच्छा को करे और अनंत उद्देश्य को पूरा कर सके । तो आओं अपनी दृष्टी को अधिक निचे और अपनी अपेक्षाओं को अधिक कम ना आके। उसकी महिमा के लिए जीए और उसे कार्य रूप में अपने जीवन में होता हुआ देखने की अपेक्षा करे ।

मेरी प्रार्थना...

हे प्रभु, स्वर्ग और पृथ्वी के परमेश्वर, मेरे अब्बा पिता और प्यारे चरवाह, कृपया मेरे विचारों को अपनी आत्मा से उकसाये की बड़े सपने देखे और मेरे सांसारिक और स्वार्थी दिमाग की सोच के परे बड़ी आशायें रखे । मुझे अद्भुतता का अहसास और अपेक्षायें दे की मैं तेरी महिमा के लिए जीऊ। येशु के नामसे प्रार्थना करता हूँ । आमीन।

आज का वचन का आत्मचिंतन और प्रार्थना फिल वैर द्वारा लिखित है। [email protected] पर आप अपने प्रशन और टिपानिया ईमेल द्वारा भेज सकते है।

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