आज के वचन पर आत्मचिंतन...
क्या हैं जिससे हमे डरना हैं जबकि परमेश्वर ने अपने बेटे को मरने के लिए भेजा की हमे छुड़ा सकें? क्या हैं जिससे हम डरे जब येशु मसीह में हमें परमेश्वर के प्रेम से कुछ भी अलग नहीं कर सकता हैं ? सिवाए खुदके क्या हैं जिससे हमे डरना हैं और परमेश्वर ने अपनी आत्मा हमारे हृदय में उंडेली हैं की हमे हमारी कमजोरियों में सुनिश्चित और बलवंत कर सकें! जब हम परमेश्वर और उसके बच्चों को प्रेम करते हैं, तो हमे उसका प्रेम स्मरन होता हैं जो दूसरों को किये हमारे तुच्छ प्रेम से काफी बेहतर हैं । बजाएं इसके की उससे डर के भागें, हम धन्यवाद् में उसके सामने दंडवत करतें हैं यह जानते हुए की जो हमारी प्रार्थना सुनता हैं वह हमसे प्रेम करता हैं और हमारे डर को शांत करने के लिए तड़पता हैं ।
Thoughts on Today's Verse...
What is there to fear since God sent his Son to die to redeem us? What is there to fear since we cannot be separated from the love God has for us in Christ Jesus? What is there to fear except ourselves, and God has poured his Spirit into our hearts to reassure us and strengthen us in our weakness! As we love God and his children, we are reminded of his love for us which is far better than our meager love for others. Rather than run from him in fear, we bow before him in thanks knowing that he who hears our prayers is also he who loves us and yearns to calm our fears.
मेरी प्रार्थना...
प्रेमी पिता, धन्यवाद की मैं आपका आदर कर सकता हूँ बिना आपके क्रोध की चिंता किये बगैर। धन्यवाद की मैं आपके वचन को आदर दे पाया और मेरी अयोग्यता के कारन दहल ना जाऊं ।।होने दे की आपका प्रेम मेरे भीतर आपकी पवित्रता, और धार्मिकता, न्याय, और दया को समानता के प्रति बजाये इससके की कानून धमकियां, न्यायाधिकार को जोड़कर । प्रार्थना करता हूँ येशु के सामर्थी नाम में, जिसने मेरे दाम को चुकाया और मेरे पापों से छुड़ाया और अपने प्रेमको मुझपर उंडेला । आमीन ।
My Prayer...
Loving Father, thank you that I can reverence you without fearing your wrath. Thank you that I can revere your word and yet not be terrified with my inadequacies. May your love in me produce a closer likeness to your holiness, righteousness, justice and mercy than all the laws, threats, and judges combined. I pray in the mighty name of Jesus, who ransomed me from sin and poured out his love upon me. Amen.