जनवरी 2021 पिछले भक्ति पठन

31. 01 2021 - भजन संहिता 84:11

क्योंकि यहोवा परमेश्वर सूर्य और ढाल है; यहोवा अनुग्रह करेगा, और महिमा देगा; और जो लोग खरी चाल चलते हैं; उन से वह कोई अच्छा पदार्थ रख न छोड़ेगा।

30. 01 2021 - नीतिवचन 19:21

मनुष्य के मन में बहुत सी कल्पनाएं होती हैं, परन्तु जो युक्ति यहोवा करता है, वही स्थिर रहती है।

29. 01 2021 - भजन संहिता 22:5

उन्होंने तेरी दोहाई दी और तू ने उन को छुड़ाया वे तुझी पर भरोसा रखते थे और कभी लज्जित न हुए॥

28. 01 2021 - भजन संहिता 1:4

दुष्ट लोग ऐसे नहीं होते, वे उस भूसी के समान होते हैं, जो पवन से उड़ाई जाती है।

27. 01 2021 - भजन संहिता 1:3

वह उस वृक्ष के समान है, जो बहती नालियों के किनारे लगाया गया है। और अपनी ऋतु में फलता है, और जिसके पत्ते कभी मुरझाते नहीं। इसलिये जो कुछ वह पुरूष करे वह सफल होता है॥

26. 01 2021 - भजन संहिता 1:2

परन्तु वह तो यहोवा की व्यवस्था से प्रसन्न रहता; और उसकी व्यवस्था पर रात दिन ध्यान करता रहता है।

25. 01 2021 - भजन संहिता 1:1

क्या ही धन्य है वह पुरूष जो दुष्टों की युक्ति पर नहीं चलता, और न पापियों के मार्ग में खड़ा होता; और न ठट्ठा करने वालों की मण्डली में बैठता है!

24. 01 2021 - भजन संहिता 29:2

यहोवा के नाम की महिमा करो; पवित्रता से शोभायमान होकर यहोवा को दण्डवत् करो।

23. 01 2021 - 2 कुरिन्थियों 12:9

और उस ने मुझ से कहा, मेरा अनुग्रह तेरे लिये बहुत है; क्योंकि मेरी सामर्थ निर्बलता में सिद्ध होती है; इसलिये मैं बड़े आनन्द से अपनी निर्बलताओं पर घमण्ड करूंगा, कि मसीह की सामर्थ मुझ पर छाया करती रहे।

22. 01 2021 - रोमियो 5:9-10

सो जब कि हम, अब उसके लोहू के कारण धर्मी ठहरे, तो उसके द्वारा क्रोध से क्यों न बचेंगे? क्योंकि बैरी होने की दशा में तो उसके पुत्र की मृत्यु के द्वारा हमारा मेल परमेश्वर के साथ हुआ फिर मेल हो जाने पर उसके जीवन के कारण हम उद्धार क्यों न पाएंगे?

21. 01 2021 - रोमियो 5:8

परन्तु परमेश्वर हम पर अपने प्रेम की भलाई इस रीति से प्रगट करता है, कि जब हम पापी ही थे तभी मसीह हमारे लिये मरा।

20. 01 2021 - रोमियों 5:6-7

क्योंकि जब हम निर्बल ही थे, तो मसीह ठीक समय पर भक्तिहीनों के लिये मरा। किसी धर्मी जन के लिये कोई मरे, यह तो र्दुलभ है, परन्तु क्या जाने किसी भले मनुष्य के लिये कोई मरने का भी हियाव करे।

19. 01 2021 - रोमियो 5:5

और आशा हमें निराश नहीं होने देती क्योंकि पवित्र आत्मा के द्वारा, जो हमें दिया गया है, परमेश्वर का प्रेम हमारे हृदय में उँडेल दिया गया है।

18. 01 2021 - रोमियों 5:3-4

इतना ही नहीं, हम अपनी विपत्तियों में भी आनन्द लेते हैं। क्योंकि हम जानते हैं कि विपत्ति धीरज को जन्म देती है। और धीरज से परखा हुआ चरित्र निकलता है। परखा हुआ चरित्र आशा को जन्म देता है।

17. 01 2021 - रोमियो 5:1-2

सो जब हम विश्वास से धर्मी ठहरे, तो अपने प्रभु यीशु मसीह के द्वारा परमेश्वर के साथ मेल रखें।जिस के द्वारा विश्वास के कारण उस अनुग्रह तक, जिस में हम बने हैं, हमारी पहुंच भी हुई, और परमेश्वर की महिमा की आशा पर घमण्ड करें।

16. 01 2021 - नीतिवचन 10:11

धर्मी का मुख तो जीवन का स्रोत होता है, किन्तु दुष्ट के मुख से हिंसा ऊफन पड़ती है।

15. 01 2021 - भजन संहिता 100:5

क्योंकि यहोवा भला है, उसकी करूणा सदा के लिये, और उसकी सच्चाई पीढ़ी से पीढ़ी तक बनी रहती है!

14. 01 2021 - भजन संहिता 100:4

उसके फाटकों से धन्यवाद, और उसके आँगनों मैं स्तुती करते हुए प्रवेश करो,उसका धन्यवाद करो, और उसके नाम को धन्य कहो!

13. 01 2021 - भजन संहिता 100:3

निश्चय जानो, कि यहोवा ही परमेश्वर है। उसी ने हम को बनाया, और हम उसी के हैं; हम उसकी प्रजा, और उसकी चराई की भेड़ें हैं!

12. 01 2021 - भजन संहिता 100:2

आनन्द से यहोवा की आराधना करो! जयजयकार के साथ उसके सम्मुख आओ!

11. 01 2021 - भजन संहिता 100:1

हे सारी पृथ्वी के लोगों यहोवा का जयजयकार करो!

10. 01 2021 - नीतिवचन 16:9

मनुष्य मन में अपने मार्ग पर विचार करता है, परन्तु येहोवा ही उसके पैरों को स्थिर करता है!

9. 01 2021 - यशायाह 2:22

सो तुम मनुष्य से परे रहो जिसकी श्वास उसके नथनों में है, क्योंकि उसका मूल्य है ही क्या?

8. 01 2021 - विलापगीत 3:25-26

जो लोग यहोवा की बाट जोहते हैं, जो आत्‍मा उसकी खोज करती है, उनके प्रति यहोवा भला है। यह मनुष्‍य के हित में है, कि वह शांति से यहोवा के उद्धार की प्रतीक्षा करे।

7. 01 2021 - विलापगीत 3:22-23

हम मिट नहीं गए; यह यहोवा की महाकरुणा का फल है, क्योंकि उसकी दया अमर है। प्रति भोर वह नई होती रहती है; तेरी सच्चाई महान है।

6. 01 2021 - भजन संहिता 104:33-34

'मैं जीवन भर यहोवा का गीत गाता रहूँगा; जब तक मैं बना रहूँगा तब तक अपने परमेश्‍वर का भजन गाता रहूँगा। मेरा ध्यान करना उसको प्रिय लगे, क्योंकि मैं तो यहोवा के कारण आनन्दित रहूँगा। '

5. 01 2021 - यशाया २६ :९

रात के समय मैं जी से तेरी लालसा करता हूँ, मेरा सम्पूर्ण मन यत्न के साथ तुझे ढूँढ़ता है।

4. 01 2021 - इफिसियों ४:२४

और नये मनुष्यत्व को पहिन लो, जो परमेश्वर के अनुसार सत्य की धामिर्कता, और पवित्रता में सृजा गया है।

3. 01 2021 - इफिसियों ४:२३

...और अपने मन के आत्मिक स्वभाव में नये बनते जाओ।

2. 01 2021 - इफिसियों ४:२२

'कि तुम पिछले चालचलन के पुराने मनुष्यत्व को जो भरमानेवाली अभिलाषाओं के अनुसार भ्रष्‍ट होता जाता है, उतार डालो.... '

1. 01 2021 - नीतिवचन २१ :३०

यहोवा के विरूद्ध न तो कुछ बुद्धि, और न कुछ समझ, न कोई युक्ति चलती है।