आज के वचन पर आत्मचिंतन...

महिमा देना,और महिमा करना,हमारे लिए असान विषय नहीं है.चलो इसे स्वीकार करते है.हम परमेश्वर को आशीष और दुसरों को उनके पास बुलाने से अथवा परमेश्वर से बहुत अधिक मांगते हे. इसिलिये चलिए बचा हुआ सप्ताह में धन्यवाद का प्रार्थनाए और स्तुती करते हुए परमेश्वर के पवित्र नाम का महिमा करे.

मेरी प्रार्थना...

पिता,मेरे विवरण और समझ से ज्यादा आप अद्भुत और शानदार हो.आपकी महिमा की एक झलक देखनेके लिये यीशु को भेजने के लिए धन्यवाद.मुझे और उन्हें जो में प्यार करता हूँ जीवित रखने के लिए आपको धन्यवाद. यीशु के नाम से मै धन्याद और प्रार्थना करता हूँ.अमिन.

आज का वचन का आत्मचिंतन और प्रार्थना फिल वैर द्वारा लिखित है। [email protected] पर आप अपने प्रशन और टिपानिया ईमेल द्वारा भेज सकते है।

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