आज के वचन पर आत्मचिंतन...

शुरुआत से पहले का समय! आपने यह कैसे जाना की वह कब था। परमेश्वर ने हमारे विषय में पहली बार तब सोचा जब का हम सोच भी नहीं सकते! हमारे विषय में सोचने के लिए उसका कारण था की वह अपने अनुग्रह को हमपर दिखा सके और दूसरों को उसकी और बुला सके। येशु हमेशा से परमेश्वर की योजना में था और हम हमेशा से ही उसके लक्ष्य थे। यह निश्चित करे की हम इस बात के द्वारा प्रतिउत्तर दे की हम उसका पवित्र जीवन जीए !

Thoughts on Today's Verse...

Before the beginning of time! How do you understand when that was. God first thought of us at a time we cannot even begin to understand! His reason for thinking of us was to demonstrate his grace and call others to his side. Jesus has always been God's plan and we have always been his goal. Let's make sure we respond by living his holy life!

मेरी प्रार्थना...

बहुत धन्यवाद पिता, मुझे जानने के लिए और मेरे आवश्कयताओं के विषय में सोचने के लिए जब संसार भी नहीं था। मैं आज का दिन और आनेवाले सरे दिन आपके प्रति आदर में समर्पित करता हूँ की मैं अपना जीवन आपके धार्मिकता और अनुग्रह के प्रतिबिभ की तौर पर जीने की कोशिश कर रहा हूँ । येशु के नाम से जिसमे कोई पाप नहीं हैं, प्रार्थना करता हूँ । अमिन।

My Prayer...

Thank you so much, Father, for knowing me and thinking of my needs even before there was a world. I dedicate this day, the days that follow, to your honor as I try to live a life that reflects your righteousness and grace. In the name of Jesus, the one who had no sin, I pray. Amen.

आज का वचन का आत्मचिंतन और प्रार्थना फिल वैर द्वारा लिखित है। [email protected] पर आप अपने प्रशन और टिपानिया ईमेल द्वारा भेज सकते है।

Today's Verse Illustrated


Inspirational illustration of 2 तीमुथियुस 1:9

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