आज के वचन पर आत्मचिंतन...

जब मसीह में हमारा बपतिस्मा हुआ, हम भी उसके साथ क्रूस पर चढ़ायें गए और उसी के साथ नए मनुष्य के रूप में जिलायें गए थे। मसीह हममे जीवित हैं। असली चुनौती हमारे लिए यह हैं की हमारे संसार में मसीह का जीवित रहना ! हमारी प्रेरणा? उद्धार कामना नहीं, जो हमे अनुग्रह से पहले ही मिला हैं परन्तु उसको आदार देने के लिए जिसने हमे बचाने के लिए बलिदान दिया (रोमियों ६:१-१४ देखें)।

Thoughts on Today's Verse...

When we were baptized into Christ, we shared in his crucifixion and we were raised up to be a new person. Christ is alive in us. The real challenge is for us to be Christ alive in our world! Our motivation? Not to earn salvation, which has already been given us by grace, but to honor him who sacrificed all to save us. (See Romans 6:1-14)

मेरी प्रार्थना...

धन्यवाद परमेश्वर, मुझे प्रेम करने के लिए और मेरे पापोंसे छुड़ाने के लिए यीशु को भेजने के लिए। मैं समर्पण करता हूँ की आपके पुत्र यीशु पर विशवास में जीऊंगा जिसने मेरे लिए खुद को दे दिया की मैं आपके साथ अनंतकाल का जीवन बिता सकू। मैं मांगता हूँ की आपकी आत्मा की मददत के द्वारा यीशु का जीवन मुझमे दिखाई दे। उसके द्वारा प्रार्थना करता हूँ। आमीन।

My Prayer...

Thank you, God, for loving me and sending Jesus to redeem me from my sin. I commit to you today that I will live by faith in your Son who gave himself so I can spend eternity with you. I ask that by your Spirit, you help Jesus' life be seen in me. Through him I pray. Amen.

आज का वचन का आत्मचिंतन और प्रार्थना फिल वैर द्वारा लिखित है। [email protected] पर आप अपने प्रशन और टिपानिया ईमेल द्वारा भेज सकते है।

Today's Verse Illustrated


Inspirational illustration of गलतियों २:२०

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