आज के वचन पर आत्मचिंतन...

क्या आपका विश्वास परीक्षा के समय में मजबूत रह सकता है? मैं आशा करता हूँ की मेरा रह सकता है!यह भजन, जो परीक्षा की घडी में लिखा गया है|जो भी हो, भजनसहिंताकार यह जनता की परमेश्वर कौन है और वह वो सब कुछ कर सकता है जिसे करने का उसने मन बनाया लिया हो चाहे परिस्थितियां कितनी भी कठिन क्यों न हो|यहां तक ​​कि परीक्षण में भी वह उस आराधना को नहीं खो देता है जो यहोवा की उपस्थिति से आता है।

Thoughts on Today's Verse...

Can your faith hold during trying times? I hope mine can! This is a Psalm written during trying times. However, no matter how difficult the situation, the Psalmist still knows who God is and what he can do when he decides to do it. Even in trial he doesn't lose sight of the blessing that comes from the Lord being present.

मेरी प्रार्थना...

पिता, मेरे जीवन में आप अपनी उपस्तिथि को दिखाए|मैं इस बात से निश्चिन्त हूँ की आप वहां हैं, सिर्फ मुझे अपनी उपस्थिति का अनुभव और आपने छुटकारे को ग्रहण करने दे| येशु के नाम से प्रार्थना करता हूँ| आमीन!

My Prayer...

Father, make your presence known in my life. I am confident you are there, I just need to experience your presence and receive your deliverance. In Jesus' name I pray. Amen.

आज का वचन का आत्मचिंतन और प्रार्थना फिल वैर द्वारा लिखित है। [email protected] पर आप अपने प्रशन और टिपानिया ईमेल द्वारा भेज सकते है।

Today's Verse Illustrated


Inspirational illustration of भजन संहिता ३१:१६

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