आज के वचन पर आत्मचिंतन...

यह काफी नहीं की बुराई से मुँह फेर ले । हम अपने जीवन से बदबूदार बाते साफ़ कर सकते है, लेकिन यदि हम सक्रिय रीती से जो अच्छा है उसके खोज में ना लगे रहे , फिर एक और भी बुरा दुष्ट आपके खालीपन में लौट आएगा । (मत्ती १२ :४३-४५) आईये ऐसे लोग बने जो अच्छा करने के लिए आतुर है और जोश के साथ शांति कमाने में लगे ।

मेरी प्रार्थना...

हे पिता, मैं आपके शांति का पात्र बन सकू । जहाँ कहीं भी नफ़रत हो, मुझे इस्तेमाल कर की मैं आपके प्रेम और अनुग्रह बाट सकू । जहाँ कही चोट, पाप और टुटापन हो मुझे इस्तेमाल कर की मैं चंगाई, क्षमा और सुकून ला सकू । कृपया अब्बा पिता, मुझे इस्तेमाल कर की मैं तेरे भले कार्यों को मेरे इस संसार में कर सकू। येशु के नाम से प्रार्थना करता हूँ । आमीन ।

आज का वचन का आत्मचिंतन और प्रार्थना फिल वैर द्वारा लिखित है। [email protected] पर आप अपने प्रशन और टिपानिया ईमेल द्वारा भेज सकते है।

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