आज के वचन पर आत्मचिंतन...

"परमेश्वर में हम भरोसा रखते है ।" यह वाक्यांश संयुक्त राज्य अमेरिका के अधिकांश धन पर लिखा गया है। यह एक महान अनुस्मारक (reminder) है। वैश्विक वित्तीय माहौल स्वाभाविक रूप से अस्थिरता के प्रति संवेदनशील है, क्योंकि यह उतार-चढ़ाव के अधीन है और अराजकता और राजनीतिक उथल-पुथल के प्रति संवेदनशील है। जीवन के तूफानों के दौरान केवल परमेश्वर ही हमारा शरणस्थान और गढ़ है—चाहे वे स्वास्थ्य संबंधी, वित्तीय, संबंधपरक (relational), या भावनात्मक तूफान हों। वह अटल है। वह परमेश्वर, हमेशा के लिए "मैं हूँ" और प्रभु है। वह अनन्त है। वह हमें आशीष देना चाहता है और वादा करता है कि हमें कभी नहीं छोड़ेगा और न ही त्यागेगा। उसने बार-बार हमारे लिए अपना प्रेम प्रदर्शित किया है। उसने हमारा भरोसा कमाया है। इसलिए, आइए हम प्रभु के बारे में कहें, "वह मेरा शरणस्थान और मेरा गढ़ है, मेरा परमेश्वर, जिस पर मैं भरोसा करता हूँ।

मेरी प्रार्थना...

हे स्वर्गीय पिता, मैं बहुत आभारी हूँ कि मैं अपना जीवन और भविष्य आप पर भरोसा कर सकता हूँ। मुझे ढालें और उन तरीकों से मेरा उपयोग करें जो दूसरों के लिए आशीष हों, क्योंकि मैं आपको अपनी सुरक्षा और सामर्थ्य का स्रोत बनाता हूँ। कृपया मेरे जीवन में अपनी उपस्थिति को प्रकट करना जारी रखें, मेरे जीवन के तूफानों से मेरे शरणस्थान और जब दुष्ट शैतान और मेरे विरोधी हमला करते हैं तो मेरे गढ़ के रूप में आप पर अपना भरोसा बनाए रखने में मेरी सहायता करें। यीशु के नाम में, हे प्रभु, मैं आप पर अपना भरोसा और आशा रखता हूँ। आमीन।

आज का वचन का आत्मचिंतन और प्रार्थना फिल वैर द्वारा लिखित है। phil@verseoftheday.com पर आप अपने प्रशन और टिपानिया ईमेल द्वारा भेज सकते है।

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