आज के वचन पर आत्मचिंतन...

आप क्या उत्तपन करने के लिए जी रहे हैं? दौलत,शोहरत,प्रतिष्ठा,महत्वता ,एक विरासत? चरित्र के बारे में क्या सोच ते हो! क्या हमारे जीवन का वास्ताविक लक्ष्य परमेश्वर के चरित्र पाना नहीं है? तो हमारे सबसे बदतर समय में भी,अगर हम चरित्रवान लोंग बन सके, तब हमसे उस लक्ष्य को कोई नहीं चुरा सकता, जो परमेश्वर का चरित्र है, मसीह यीशु मै हमने पाया।

Thoughts on Today's Verse...

What are you living to produce in your life? Wealth, fame, status, significance, a legacy? How about character! Isn't having the character of God our real goal in life? So even in our worst of times, if we can be people of character, then nothing can steal from us our most desired goal, the character of God, given us in Jesus Christ.

मेरी प्रार्थना...

प्रिय पिता,कृपया मुझे आशीश दे ताकि मुश्किल समय्यो में बलवान हो सकू, और पवित्र चरित्र में लगातार बना रह सकू। कृपया मुझे हिम्मत और करुणा का दिल दे दीजिए ताकि मै अधिक स्पष्ट रूप से दूसरों को याद दिला सकू की आप किस प्रकारके हो और आप उनके जीवन में क्या कर सकते हो कमसकम किन्ही छोटे तरीकों से ही सही। प्रार्थना यीशु के नामसे। अमिन।

My Prayer...

Dear Father, please bless me so that I can be strong in difficult times and consistent in holy character. Please give me a heart of courage and compassion so that I can more clearly remind others, at least in some small way, what you are like and what you can do in their lives. In Jesus' name I pray. Amen.

आज का वचन का आत्मचिंतन और प्रार्थना फिल वैर द्वारा लिखित है। [email protected] पर आप अपने प्रशन और टिपानिया ईमेल द्वारा भेज सकते है।

Today's Verse Illustrated


Inspirational illustration of रोमियों ५:३-४

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