आज के वचन पर आत्मचिंतन...

पहले परमेश्वर ने हमे प्रेम किया है। पहले परमेश्वर हमारे मुक्ति के लिए भारी मूल्य चुकाया! परमेश्वर की करुना और न्याय को दिखने के लिए यीशु ही एक महान मार्ग है। प्रेम क्या है हमें पता है, क्यूँ की उन्होंने दिखाया है। कितने अच्छे से हम दुसरों को परमेश्वर की करुना और न्याय को दिखा रहे है?

मेरी प्रार्थना...

पिता,आपका प्यार बहुत विस्तार,और बहुत अनुग्रही,और जीवन को बदल ने वाला है। ओ धन्य पवित्र आत्म, में मांगता हूँ की,में परिपूर्णत से पिता को प्रतिबिंबित और महिमा करने के लिए मेरा दिलको बदल दे। यीशु के नाम से में प्रार्थना मांगता हूँ। अमिन।

आज का वचन का आत्मचिंतन और प्रार्थना फिल वैर द्वारा लिखित है। [email protected] पर आप अपने प्रशन और टिपानिया ईमेल द्वारा भेज सकते है।

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