आज के वचन पर आत्मचिंतन...

आप परमेश्वर पर कितना भरोसा करते हो?बेहतर अभी तक,अपने आप को कितना परमेश्वर पे सौंपा गये है?हम पिछले कई दिनों हमने परमेश्वर के द्वारा वादा किया गाय अशीशोन के उपर ध्यान केंद्रित किया है.फिर भी उसकी बुद्धि में, परमेश्वर इन आशीर्वाद उस में हमारे विश्वास को और उसके बारे में हमारे पूछ पर निर्भर के कई की रिहाई बनाने के लिए चुना गया है।जब तक हम हमारे पकड़ जीवन के स्टीयरिंग व्हील पर राखते हे, परमेश्वर उनके आशीर्वाद और उसकी इच्छा की दिशा में ले जाने के लिए कठिन होता है।मैं हाल ही में एक बम्पर स्टीकर देखा कि यह इस तरह से है : 'अगर परमेश्वर अपने सह पायलट है तो आप बेहतर आपकी स्थान बदले'परमेश्वर के लिए हमारे रास्ते को समर्पित करणा हमारे जीवन उनके काम के लिये पेशकश करना होता है,उनके आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए, और उनकी उपस्थिति को जानना है। तो आप किसका इंतज़ार कर रहे हैं?

Thoughts on Today's Verse...

How much do you trust the Lord? Better yet, how much of yourself have you entrusted to the Lord? We have focused the last several days on the promised blessings the Lord longs to give us. Yet in his wisdom, God has chosen to make the release of many of these blessings dependent upon our trust in him and our asking of him. As long as we grip the steering wheel of our life, it is hard to let God take us in the direction of his blessing and his will. I saw a bumper sticker recently that put it this way: "If God is your co-pilot then you had better switch seats!" Committing our way to the Lord is offering our lives to him to do his work, to receive his blessing, and to know his presence. So what are you waiting for?

मेरी प्रार्थना...

पवित्र , धर्मी और सर्वशाक्थिमान परमेश्वर, सब कुछ पुरुषों और महिलाओं के दिलों को छोड़कर आपका है।तुम्हें चुना है कि इन तुम्हारा ही होगा अगर हम स्वेच्छा से और प्यार से उन्हें आप के लिए प्रतिबद्ध चुनें। पिता, में अपना मार्ग , मेरा हृधय, मेरा जीवन, मेरा भविष्य, मेरा क्षमता , मेरा धन, मेरा परिवार को आपकी हाथो में सोफता हूँ.आपकी महिमा के लिए में इस्थामल होना चाहता हूँ.में भरोसा करता हूँ की आप मुझे प्यार करते हो, और आप की अनुग्रह और उधर के साथ आपकी आशीषों को भी देना चाहते हो.में आपसे प्यार करता हूँ और यीशु के नाम से धन्यवाद करता हूँ. अमिन.

My Prayer...

Holy, Righteous, and Almighty God, everything is yours except the hearts of men and women. You have chosen that these will be yours only if we choose to voluntarily and lovingly commit them to you. Dear Father, I want to commit my way — my heart, my life, my future, my abilities, my wealth, my family... — to you. I want to be used by you for your glory. I trust that you love me and long to give me your blessing along with your grace and salvation. I love you and thank you in Jesus' name. Amen.

आज का वचन का आत्मचिंतन और प्रार्थना फिल वैर द्वारा लिखित है। [email protected] पर आप अपने प्रशन और टिपानिया ईमेल द्वारा भेज सकते है।

Today's Verse Illustrated


Inspirational illustration of भजन संहिता ३७:५-६

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