आज के वचन पर आत्मचिंतन...

मै बदल जाऊंगा ! तुम बदल जाओगे! हम नए कपड़ो या बालो के स्टाइल की बाट नहीं कर रहे है । हम नई कार या रहने की नई जगह की बात नहीं कर रहे है । यह मुख्या, अधिकतम मरम्मत है ! हमे अमर बनाया जायेगा। हम अविनाशी होजाएंगे। हम फिर नाशवान वस्तुए नहीं होंगे ! हम महिमा के लिए बने है ।

मेरी प्रार्थना...

मेरे विश्वास को प्रेरित करे, प्रिय प्रभु, की मै तेरे समय भरोसा कर सकू और दया पर निर्भर हो सकू। मै विश्वास करता हूँ की नाही केवल आप सरे भेद की बाते जानते हो बल्कि हर एक सफलताएं थामे हुए हो। कृपया मुझे विजयी बनाओ, हे प्रभु सर्वशक्तिमान ,अपने बेटे के सामर्थी कामो के द्वारा । येशु के नाम से प्रार्थना करता हूँ । अमिन।

आज का वचन का आत्मचिंतन और प्रार्थना फिल वैर द्वारा लिखित है। [email protected] पर आप अपने प्रशन और टिपानिया ईमेल द्वारा भेज सकते है।

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