आज के वचन पर आत्मचिंतन...

मौत में शक्ति है की जीवन को ख़तम करदे । मौत के पास शक्ति अलग करने की । मौत के पास ताकत है की हमे निराश करे और हरा सके । पर, हम सत्य जानते है ; येशु जिन्दा है ! क्युकी वो जिन्दा है हमे पता है की हम भी जिएंगे उसके साथ।हम यह विश्वास करते है की मौत पर उसकी जीत हमारी भी जीत है । तो येशु ही की तरह हम भी मौत पर हस्ते है और हमे नाश करने की उसकी ताकत पर । येशु ने मौत को नाश किया और हमे अमरता दिया है...... हममे सुसमाचार द्वारा ।

मेरी प्रार्थना...

पिता, मै मानता हूँ की जिनसे मै अब भी प्यार करता हूँ उनकी मौत मुझे चोट पहुँचती है । मै आपको धन्यवाद् करना चाहता हूँ उनके साथ मेरे अलगाव थोड़े समय का है । मै आपका धयवाद देता हूँ, यद्यपि , मौत मुझे उनसे लम्बे समय के लिए अलग नहीं करता जिनसे मै प्यार करता हूँ और जो आपसे प्यार करते है । धन्यवाद् येशु में मुझे जीत देने के लिए ।धयवाद येशु मौत को हारने के लिए ।आपके अनमोल और विजयी नामसे येशु मसीह प्रभु , प्रार्थना करता हूँ । अमिन ।

आज का वचन का आत्मचिंतन और प्रार्थना फिल वैर द्वारा लिखित है। [email protected] पर आप अपने प्रशन और टिपानिया ईमेल द्वारा भेज सकते है।

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