आज के वचन पर आत्मचिंतन...

आईये हम अपने दिमाग को गन्दगी से निकले और परमेश्वर की महिमा पर अपने हृदय को लगाए ।

मेरी प्रार्थना...

धर्मी और पवित्र परमेश्वर आप शानदार और हिमामय हो, हर तरह से निपुण और मेरी सोच से परे । कृपया अपनी पवित्र आत्मा द्वारा मेरे भीतर अपने पवित्रता के गुण जागरूक कर। कृपया मुझे भलाई और महिमामय बातो को देखने देऔर केंद्रित होने दे जो आज आप मेरे मार्ग पर लाओगे । येशु के नाम से प्रार्थना करता हूँ । अमिन।

आज का वचन का आत्मचिंतन और प्रार्थना फिल वैर द्वारा लिखित है। [email protected] पर आप अपने प्रशन और टिपानिया ईमेल द्वारा भेज सकते है।

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