आज के वचन पर आत्मचिंतन...

जब लोग सही मायने में आराधना करते हैं,जब वे उपवास रहकर उसकी इच्छा को मांगते है,परमेश्वर उन्हे सेवा और कार्य में बुलाता है।मसीह की आराधना अपने आप में एक अंत नहीं है,लेकिन मसीह का सेवाकायी के लिए एक शुभारंभ है। इसलिए आराधना अनुभव को पकड़े मत राहिए कि आप इसे दरवाजे से बहार जाने से पेहले भूल जाये।इसके वजाह,समझते हैं कि यह सार्वजनिक आराधना करने के लिए आप को प्रेरित करने के लिये और अपनी रोजमर्रा की जिंदगी के दौरान दुनिया में सेवा देने के लिये(रोमियो १२:१-२)आप अपने भाइयों और बहनों के साथ जैसे आराधना करते है,कि गाने के शब्दों को सुने,शास्त्र के संदेश,और अपने दिल पर पवित्र आत्मा की सजा करे।परमेश्वर अपनी दुनिया में एक विशेष कार्य के लिए आपको बुला रहे होंगे!

मेरी प्रार्थना...

पिता,स्पष्ट रूप से अपनी इच्छा विचार करने और अपने प्रमुख पालन करने के लिये कृपया मेरी मदद किजीये जबकि मैं आप की आराधना कर रहा हूँ। यीशु के नाम से प्रार्थना करता हुँ.अमीन.

आज का वचन का आत्मचिंतन और प्रार्थना फिल वैर द्वारा लिखित है। [email protected] पर आप अपने प्रशन और टिपानिया ईमेल द्वारा भेज सकते है।

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