आज के वचन पर आत्मचिंतन...

यह मूल रूप से यरूशलेम के भाग्य के बारे में यिर्मयाह द्वारा बात की गई थी।हालांकि,इस वादे के साथ-साथ हमारे लिए भी विशेष तरीके से सच है।परमेश्वर चाहता है कि हम उसे पुकारे.परमेश्वर अक्सर हमें आशिष देने के पहले,वह हमें जो देना चाहता है,उसका इंतीजार करता है.फिर भी हमें उसे समझने की क्षमता की कमी है और परमेश्वर के बारे में सभी महान सत्य प्राप्त करते हैं।हमें पूरी तरह से उसके अनुग्रह में उसे समझने के लिये,वह बहुत बड़ा और गौरवशाली है।

मेरी प्रार्थना...

पिता और सर्वशक्तीमान परमेश्वर,आप आश्चर्य हो और समझने में मेरी क्षमता से परे हो।प्रिय पिता,जब कोई भी सोचे नही होंगे,तब कृपया आप एक दिन वापस आयीये और दुनिया को उल्झन मे डालीये.और मै अच्छे से आपको जनना चाहता हूँ पिता. यीशु के नाम से प्रार्थना करता हूँ.अमीन.

आज का वचन का आत्मचिंतन और प्रार्थना फिल वैर द्वारा लिखित है। [email protected] पर आप अपने प्रशन और टिपानिया ईमेल द्वारा भेज सकते है।

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