आज के वचन पर आत्मचिंतन...

परमेश्वर नवीनीकरण और आशीष का परमेश्वर है। उसकी इच्छा हमे नया करने और आशीषित करने की यह केवल एक बार उद्धार से आशीषित करने की इच्छा नहीं है। परमेश्वर की इच्छा हमे रोज़ आशीषित करने की है। उसका अटल प्रेम हर सुबह को नया होता है जैसे वह विश्वासयोग्यता से हम पर अपनी आशीष उंडेलता है (विलापगीत ३:२३)। लेकिन हमे क्या चाहिए, इससे अधिक वह हमे भली वस्तुओ से संतुष्ट करता है। वह हमारे पास हमारी जरुरत की वस्तुए लता है और वह जो सच में हमारे खालीपन को भर सकते है।

मेरी प्रार्थना...

अब्बा पिता, मैं आपकी शक्ति, प्रताप, महिमा, विश्वासयोग्यता, दया, बुद्धि,और अनुग्रह के लिए आपकी स्तुति करता हूँ । धन्यवाद् मुझे अपने उद्धार से आशीषित करने के लिए, अपने पवित्र आत्मा का दान देने के लिए, आपके कलीसियाई परिवार की आशीष के लिए, आपके साथ घर की प्रतिज्ञा और प्रतिदिन में ताजे उपस्तिथि का आश्वासन के लिए । येशु के नाम से प्रार्थना करता हूँ । आमीन।

आज का वचन का आत्मचिंतन और प्रार्थना फिल वैर द्वारा लिखित है। [email protected] पर आप अपने प्रशन और टिपानिया ईमेल द्वारा भेज सकते है।

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