आज के वचन पर आत्मचिंतन...

एक प्रार्थना हम एक दूसरे के लिए की हम परमेश्वर को और बेहतर जान सके । पवित्र आत्मा परमेश्वर को अधिक बेहतर जान ने में हमे मद्दत करता है (१ कुरु २) आराधना करने में (यहुन्ना ४ ) और परमेश्वर से बात करने में (रोमी ८ ) । आओ परमेश्वर से मांगे की वह अपनी आत्मा की सहायता से उसे जानने में मद्द्त करे न की केवल उसके बारे में जानने में ।परमेश्वर न केवल सब कुछ का सर्वसामर्थी रचने वाला है : वह हमारा पिता भी है जो हमारे विषय में गहराई से परवाह करता है ।

मेरी प्रार्थना...

पवित्र पिता, सब रहस्य और महिमा के ईश्वर ,मेरे हृदय और मन को तुझे जानने के लिए खोल अपनी पवित्र आत्मा की उपस्तिथि के द्वारा जो मुझ में है ।कृपया मेरे भौतिक और आत्मिक परिवार को तेरे , तेरे प्रेम के , और तेरे महिमा के विषय में विषय में परख और प्रकाशन से आशीषित कर । हम तुझ अधिक बेहतर रीती से जानना चाहते है और तेरे चरित्र और अनुग्रह अधिक सम्पूर्णता से हमसे प्रगट हो सके । येशु के नाम से प्रार्थना करता हूँ ।अमिन।

आज का वचन का आत्मचिंतन और प्रार्थना फिल वैर द्वारा लिखित है। [email protected] पर आप अपने प्रशन और टिपानिया ईमेल द्वारा भेज सकते है।

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