आज के वचन पर आत्मचिंतन...

पतन से पहले घमंड अत हैं! इन दो सत्यों को संतुलित करने की कोशिश करें : " मुझे घमंडी नहीं होना चाहियें, परन्तु मुझे समझना हैं की परमेश्वर मुझे कितना मूल्य देते हैं।" यह आसान नहीं हैं। शैतान स्वयं निन्दा को इस्तेमाल कर सकता हैं, जिसे मैं खुदको कम आंकने वाले कीड़े की बीमारी कहती हूँ।

मेरी प्रार्थना...

पवित्र पिता, आपके बच्चे के रूप में, यीशु के जीवन की कीमत पर छुड़ाया, मुझे पता है कि मैं तुमसे प्यार करता हूं और मूल्यवान हूं। मुझे पता है कि आपने मुझे अपनी महिमा के लिए उपयोग करने और अपने चर्च को आशीर्वाद देने के लिए क्षमताओं और उपहार दिए हैं। लेकिन पिताजी, मैं कभी नहीं सोचना चाहता हूं कि मेरी क्षमताओं को किसी भी तरह से मेरी श्रेष्ठता या काम से बंधे हुए हैं। मुझे पता है कि आपने मुझे उपहार, क्षमताओं और अनुभवों को मुझे आकार दिया है, इसलिए कृपया मुझे अपनी महिमा के लिए सशक्त बनाएं। परन्तु पिताजी, मैं कभी भी अपने उपहारों से प्राप्त महिमा को अपनाना नहीं चाहता हूं या मुझे यह महसूस नहीं कर सकता कि मैं जो हूं, वह मेरे पास है, मेरे पास जो कुछ है, और मैं जो करता हूं वह करता हूं, आपकी कृपा और आपके कारण उदार उपहार क्या मैं कभी भी आपके राज्य में काम पर अपने विनम्र लेकिन बहुमूल्य बच्चे बनूंगा। मैं यीशु के नाम पर प्रार्थना करता हूं, मेरे बड़े भाई और आपके पुत्र। अमिन।

आज का वचन का आत्मचिंतन और प्रार्थना फिल वैर द्वारा लिखित है। [email protected] पर आप अपने प्रशन और टिपानिया ईमेल द्वारा भेज सकते है।

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